मंगलवार, 30 मार्च 2010

कॅमेरा बंद !!!





डी.एन.नगर पुलिस थाने में व्हीडीओ जर्नालिस्ट औऱ पत्रकारों को हुई मारपीट औऱ बदसलूकी के खिलाफ टीव्हीजेए ने विधानभवन में कॅमेरा बंद आंदोलन की घोषणा की थी। इस आंदोलन में सारे लोगों ने समर्थन दिया औऱ सहभाग भी लिया। पत्रकारों पर हो रहे हमलों के बारें में सारे चैनलों ने एकजूट दिखाने की जरूरत हैं, औऱ इसी भूमिका के साथ विधानभवन में मौजूद सारे सदस्यों ने एकजूट दिखाई और गृहमंत्री आर आऱ पाटील के सामने इस बिषय को रखा। आऱ आर पाटील ने डीसीपी प्रसन्ना को विधानभवन में बुलाकर पत्रकारों के साथ करीब 1 घंटा चर्चा की। टीव्हीजेए ने आर आर पाटील को पत्रकारों के साथ हुई बदसलुकी का विडीयो ही दिखाया। जिसे देखने के बाद आऱ आर पाटील ने प्रसन्ना को मिडीया से नरमाई से पेश आने के लिए कहा। साथ ही मिडीयाकर्मीयों के साथ हुए बर्ताव पर नाराजगी भी जताई।

गृहमंत्री आर आर पाटील के साथ हुई लंबी चर्चा के बाद जो फैसले हुए वो इस प्रकार हैं -

1) डी एन नगर मामले में पुलिस कर्मीयों की विभागीय जांच होगी। इस मामले में पत्रकारों पर कोई मामला दर्ज नहीं होगा।
2) पत्रकारों से अच्छा बर्ताव करने के लिए सारे पुलिस थानों को लिखित आदेश
3) क्राईम रिपोर्टर्स को सबसे ज्यादा सताने वाली समस्या होती हैं, बाईट मिलने की । और यहीं वजह है की फिल्ड पर पुलिस के साथ कई बार संघर्ष होता हैं। टीव्हीजेए की मांग पर आर आऱ पाटील ने पुलिस के लिए एक प्रवक्ता नियुक्त करने का फैसला लिया हैं। ये प्रवक्ता हर घँटे ब्रिफींग करेगा।
4) फिल्ड पर होने वाले संघर्ष कम हो इसलिए टीव्हीजेए भी अपने सदस्यों को पुलिस को हरसंभव सहयोग देने के लिए सूचित करेगा। लेकिन जनहित में पुलिस या सिस्टीम के विरोध में खबरे दिखाने के अपने मुलभूत अधिकार से पत्रकार पिछे नहीं हटेंगें..ऐसी भूमिका टीव्हीजेए ने रखी।

पत्रकारों के साथ अपमानजनक बर्ताव करने वाले पुलिस कर्मीयों का ये मुद्दा विपक्ष नेता एकनाथ खडसे ने विधानसभा में भी उठाया।
टीव्हीजेए ने इस बात को मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण औऱ उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल के पास भी पहुंचाया।

(( खबरे पढने के लिए हिंदी सामना, पुढारी देखिए ))

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