मुंबई के अँधेरी पश्चिम में स्थित इन्फ़िनिटी मॉल में शुक्रवार को वो हुआ जिसकी कभी उम्मीद नहीं थी.
वहां सुरक्षा के लिए तैनात निजी सुरक्षा एजन्सी के कम से कम ६ से ७ गार्डों ने इंडीया टीवी के पत्रकार वसीम अख्तर को इस बुरी तरीके से पीटा की वो कुछ देर बाद बेहोश हो गया. मामला शुरू हुआ था बस एक मामूली नोंकझोंक से... जिसमें मॉल में तैनात महिला सुरक्षा गार्ड शैला ने शुरुआत में युनिट चेक करते समय पूछा की "कहीं इस में बम तो नहीं?" शैला की इस आपत्तीजनक टीपण्णी से शुरू हुई जुबानी बातचीत अचानक पत्रकार पर हमले में कब तब्दील हुई ये वह खुद भी नहीं समझ सका.
मार पीटाई के समय वहां मौजूद ३ पुलीस कान्स्टेबल तमाशबीन बनकर देखते रहें, और तो और पी एस आई जीतेंद्र पांडुरंग कदम ने तो मार पीटाई करनेवालों को आंखों के सामने ओझल होने दिया.
इस दौरान वहां मौजूद तमाम पत्रकार और कैमरामन की तरफ से विरोध जताना शुरू हो चुका था.
वहीं पत्रकार वसीम अख्तर को कूपर सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां जरूरी सुविधाएं ना होने की वजह से नानावटी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया. वहां उनका सीटी स्कैन कराया गया है. जिसकी रिपोर्ट आनी बाकी है.
इस पूरी घटना की जानकारी मिलते ही टीवी जर्नलिस्ट असोसिएशन के अध्यक्ष श्री रविंद्र अम्बेकर ने राज्य के गृहमंत्री आर आर पाटिल से बात की. साथ ही पत्रकार हमला प्रतिबंध समिती के प्रमुख और राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र शिंगणे को स्थिती से अवगत कराया.
वहीं संगठन के महासचिव श्री. प्रसाद काथे तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हुए. उनके घटनास्थल पर पहुंचने के बाद वहां पत्रकारों के गुस्से को नियंत्रण में करने की प्रमुख जिम्मेदारी थी. आखिर गुस्साए पत्रकार और कैमरामेन में कई 'टीवी जर्नलिस्ट असोसिएशन' के सदस्य थे. मामले को नियंत्रण मे लाने के साथ महासचिव श्री प्रसाद काथे ने सभी को कानून हाथ में ना लेने की हिदायत दी. इस काम में संगठन के सदस्य श्री जे पी सिंह ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया. उसके बाद महासचिव ने सभी से गुजारिश की कि वे पुलिस स्टेशन चलें जहां मामला दर्ज होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी. पुलिस स्टेशन में इंडीया टीवी कई वरीष्ठ सदस्य मौजूद थे.
इस दौरान मॉल को बंद करवा दिया गया था.
इस मामले में पुलिस ने मॉल के ६ सुरक्षा गार्ड्स को गिरफ़्तार किया, और उनपर दंगा फैलाने की धारां लगाई गई है.
लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ. आरोपी जब सरकारी मेडिकल से लौटे तब उनके शरीर पर कई जगह चोट ढकने के लिए लगए जानेवाली पट्टीयां लगाई गई थी, और वे पत्रकार और कैमरामैन के खिलाफ़ क्रास कमल्पेंट की तैय्यारी कर चुके थे. लेकिन उनका भंडा फोड तब हुआ जब संगठन के सदस्य जनाब इक्बाल ममदानी ने उसी डाक्टर का स्टिंग करवाया जिससे मेडिकल करवाने आरोपियों को ले जाया गया था.
स्टिंग मे वह डाक्टर यह कहता हुआ देखा जा रहा था की उसके पास लाए गए तमाम आरोपी बिलकुअल ठीक थे और उनपर मार पीटाई के कोई जख्म नहीं पाए गए. बस एक ने सीने में दर्द की शिकायत की जिसकी जांच के बाद वह भी झूठी साबित हुई. इस घटना ने शिकायतकर्ताओं के परों तले की जमीन निकल गई. लेकिन ओशिवरा पुलिस स्टेशन के सिनिअर पी आई सोनोने की कई गैर जिम्मेदार बातो ने वहां मौजूद संगठन के कई सदस्य और न्यूज चैनलों के ब्यूरो चीफ से कहा सुनी हो गई.
इस दौरान देर रात ११ बजे के आसपास महासचिव श्री प्रसाद काथे और कार्यकारिणी सदस्य जनाब सैय्यद वसीम हैदर ने नानावटी अस्पताल में पत्रकार वसीम अख्तर से मुलाकात कर उसका ढाढस बंधाया.
लेकिन फिर वही हुआ जिसका डर था. मॉल मे तैनात महिला सुरक्षाकर्मी शैला ने पत्रकार और कैमरामैन के खिलाफ छेडखानी का मामला दर्ज कराया है.
संगठन इस मामले में
१) पत्रकार पर हमले के लिए जिम्मेदार सभी सिक्युरिटी गार्ड्स पर कानूनी कठोर कार्रवाई की मांग करता है.
२) साथ ही मारपीटाई करनेवाले सिक्युरिटी एजन्सी का लाईसन्स रद्द हो, राज्य के तमाम सिक्युरिटी एजन्सीज की दोबारा जांच हो और गैरकानूनी तरीके से चलते एजन्सीज को बंद करने की भी मांग करता है.
३) वहीं पत्रकार पर हमले के दौरान मूकदर्शक बने पुलिसवालों पर और जिम्मेदारी मे कसूर के साथ शिकायतकर्ताओं पर दबाव डालनेवाले पी एस आई जीतेन्द्र कदम को सस्पेंड करने की भी मांग करता है.
ज्ञात हो की वसीम अख्तर संगठन का सदस्य ना होने के बावजूद संगठन उसके पीछे खडा रहा है.
प्रसाद काथे
महासचिव
९८२०४ २३३४९
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